ग्राम पंचायत अटारी में मुख्य अतिथि के रूप में रमाशंकर पटेल, विधायक, विधानसभा क्षेत्र मड़िहान द्वारा दीप प्रज्जवलन कर गोष्ठी का उद्घाटन किया गया। विधायक मड़िहान द्वारा उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसान की आय दुगुनी कैसे हो इस पर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं किसानों की समृद्धि हेतु चलायी जा रही है। विकसित कृषि संकल्प अभियान दिनांक 29 मई से 12 जून तक चलायी जा रही है। जिसमें किसान कृषि विज्ञान केन्द्र, भारतीय सब्जी अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों से सीधे संवाद कर खेती की तकनीकी जानकारी प्राप्त कर अपनी आय में वृद्धि कर सकते है। उद्यान विभाग द्वारा मीरजापुर में केले की खेती, ड्रैगन फ्रूट की खेती, शिमला मिर्च की खेती किसानों द्वारा अच्छी संख्या में करके अपने आय में वृद्धि की जा रही है। खेती तकनीकी रूप से करके अच्छी आमदनी कर सकते है। किसान भाई कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों पर 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत छूट दी जाती है। जिसका लाभ किसान भाई ले सकते है। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना पर चर्चा की गयी। आज के समय ग्रामों में बिजली 20 से 22 घंटे बिजली मिल रही है। सौभाग्य योजनान्तर्गत हर घर बिजली दी जा रही है। विकेश कुमार, उप कृषि निदेशक मीरजापुर द्वारा उपस्थित किसानों को विकसित कृषि संकल्प अभियान का उद्देश्य व रूपरेखा पर चर्चा की गयी। साथ ही कृषि विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं यथा- पी0एम0 किसान सम्मान निधि, फारर्मस रजिस्ट्री, पीएम कुसुम योजना इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया। यंत्रीकरण पर मिलने वाली छूट किस प्रकार आवेदन करें, इस पर उप कृषि निदेशक ने ई-लाटरी से चयन हेतु विज्ञप्ति अनुसार आन लाइन कृषि विभाग की साइट पर बुकिंग कर सकते है। कम पानी वाले स्थान पर ज्वार, बाजरा इत्यादि की खेती कर अधिक लाभ ले सकते है। एग्री जंक्शन योजना पर चर्चा गयी। कृषि विज्ञान केन्द्र बरकछा से आये वैज्ञानिक डा0 श्रीराम सिंह द्वारा उपस्थित किसानों को पौधे में पोषक तत्व के प्रयोग व उनकी कमियों के लक्षण तथा किसानों को संतुलित उर्वरक प्रयोग करने की सलाह दी। मृदा जाचोंपरान्त संस्तुत उर्वरक प्रयोग करने पर किसानों का आवाह्न किया। दलहनी फसलों के बीज को राइजोबियम कल्चर से उपचारित करके बुवाई करना चाहिए। इसके लिए डेढ लीटर पानी में आधा किो गुड़ को उबालकर ठंडा होने पर उसमें 10 किग्रा बीज को हाथ से धीरे-धीरे मिलाकर उसके बार बीज की बुआई करें। इससे फसलों की जड़ों में ग्रंथियों की संख्या बढ़ जायेगी। डा0 कुलदीप श्रीवास्तव, आईआईवीआर वाराणसी द्वारा उपस्थित किसानों को बताया गया कि पौधों को रोगों से बचाव हेतु ट्राइकोडरमा के प्रयोग करने की विधि बताई गयी, नीमकौड़ी से कीटनाशक बनाकर पौधों में प्रयोग करने की सलाह दी। मधुमक्खी पालन, मशरूम की भी जानकारी दी गयी। सब्जी का मूल्य सम्वर्धन करके जैसे टोमैटो केचप, टोमैटो सास, आलू चिप्स, मटर को संरक्षित कर अधिक से अधिक आय अर्जित करने का आवाह्न दिया। कार्यक्रम का समापन खण्ड विकास अधिकारी राजगढ़ द्वारा की गयी तथा कार्यक्रम का संचालन संतोष कुशवाहा, व0प्रा0सहा0 ग्रुप-बी द्वारा किया गया।

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