मिर्जापुर – दिनांक 18 सितंबर 2023 मिर्जापुर के सिटी क्लब में गौड़ समाज के लोगों ने कुंवर रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाया। रामप्यरे गौड़ बताया की आज राजा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह गढ़ मंडला के निजाम शाह के प्रपौत्र तथा सुमेर शाह के इकलौते बेटे थे इनका एक बड़ा साम्राज्य था जो 52 गढ़ तथा 57 परगनो में फैला हुआ था इनका बहुत ही लोकप्रिय प्रजापालक न्याय प्रिया राजवंश से तालुका था। बल्देव तिवारी इनके सेनापति हुआ करते थे। इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की योजना बनाई थी जिसकी जानकारी गुप्तचरो द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल क्लार्क को हो गई और 14 सितंबर 1857 को गिरफ्तार कर 3 दिन तक टॉर्चर किया गया इसके बाद इन्हें फांसी की सजा सुनाई गई और अंग्रेजों द्वारा तीन शर्त रखा गया पहले ईसाई धर्म स्वीकार कर लो, दूसरा योजना में सम्मिलित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का नाम व पता बता दो, तीसरा आपके राज्य की मालगुजारी पढ़ा देंगे यदि शर्त मानते हो तो फांसी की सजा माफ कर दी जाएगी।

राजा रघुनाथ शाह ने इसका विरोध किया और कहा मृत्यु दंड देना चाहते हो तो हमें तोप के गोले से उड़ा दो ऐसा इन्होंने इसलिए कहा की स्वतंत्रता आंदोलन कमजोर न होने पाए नियत समय पर राजा शंकर शाह कुंवर रघुनाथ शाह को तोप के मुंह से बांध दिया गया और उनकी अंतिम इच्छा पूछी तो राजा कुंवर रघुनाथ शाह हंसते-हंसते अपने कुलदेवी देवता वह पुरखों को याद करते हुए कहा की हे ईश्वर आप इस दुराचारी का संघार कर गोंडवाना राज्य को आजाद करो इसी समय तो गले को दाग दिया गया और कुंवर रघुनाथ शाह देश के लिए बलिदान हो गए।

रघुनाथ शाह की इसी बलिदान के लिए हर साल इसी दिन बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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