मीरजापुर – 23 सितम्बर 2023- जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने सभी जनपदीय/तहसील/विकास खण्ड/क्षेत्राधिकारी/थानाध्यक्ष/ प्रभारी अधिकारियों एवं नगर पालिका/पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा है की जन सुनवाई पोर्टल पर प्राप्त शिकातयो के निस्तारण की समीक्षा शासन द्वारा नियमित रूप से की जा रही है। अतएव समस्त अधिकारी नियमित रूप से अपने कार्यालयों में प्रातः 10 बजे से 12 तक जनता दर्शन हेतु प्रत्येक दशा में बैठना सुनिश्चित करें तथा प्राप्त कार्यक्रम का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करायें। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को जारी पत्र में निर्देशित करते हुये कहा की आई0जी0आर0एस0 संदर्भ के निस्तारण में अन्तरिम आख्या अर्थात कार्यवाही सम्बन्धित को निर्देशित कर दिया गया हैं, पात्रता की जांच की जा रही है,कार्य शीघ्र कराया जायेगा। योजनाओं का लाभ दिये जाने हेतु व्यवस्था से आवेदक को अवगत करा दिया गया, जांच अधिकारी नामित हैं जांच चल रही है। सम्बन्धित से आख्या मांगी गयी है आदि अंकित करते हुये संदर्भ निस्तारित न किये जाये अपितु संदर्भ का संज्ञान लेकर समुचित एवं गुणवत्तापूर्ण कार्यवाही कर आख्या समय से अपलोड की जाय।
उन्होने कहा की यथावश्यक आवेदक से दूरभाष पर वार्ता करने के उपरान्त ही अन्तिम निस्तारण आख्या अपलोड की जाय। भू विवाद के प्रकरणो अथवा भूमि के पैमाइश के प्रकरणो के तहसील अथवा थाना समाधान दिवस में दर्ज राजस्व अथवा पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर शीघ्र निस्तारण कराया जाय एवं इसके बाद ही आख्या अपलोड की जाय।
पुलिस विभाग द्वारा संदर्भ के निस्तारण हेतु यदि दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 107/116/151 के अन्तर्गत कार्यवाही की गयी हो तो साक्ष्य के रूप में कृत कार्यवाही की भी प्रति आख्या के साथ अपलोड की जाय।
भूमि के विवादित प्रकरण यदि न्यायालय में वाद विचाराधीन है तो वाद का सम्पूर्ण विवरण अंकित करके आख्या अपलोड की जाय। जिलाधिकारी ने कहा की जिन प्रकरणों में स्थलीय निरीक्षण किया जाय उनमें दो निष्पक्ष गवाहो के बयान, नाम, पता व मोबाइल नम्बर के साथ निस्तारण आख्या अपलोड की जाय। जिलाधिकारी ने कहा की निस्तारण की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाय एवं गुणवत्ता सुधारने हेतु समुचित कार्यवाही की जाय। जिन अधिकारियों के निस्तारित संदर्भो पर अत्यधिक संख्या में असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हो उनका समुचित परीक्षण कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करते हुये रिपोर्ट भी प्रेषित किया जाय।
उच्च अधिकारियों के द्वारा स्पेशल क्लोज किये गये संदर्भो के निस्तारण की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाय तथा रैण्डम आधार पर मासिक रूप से निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप 30 संदर्भो का श्रेणीकरण किया जाय। गुणात्मक निस्तारण किये जाने हेतु अधीनस्थो को सम्यक निर्देश निर्गत किये जाये तथा बार-बार गलत निस्तारण करने वाले अधिकारियों विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। सरकारी सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा पाये जाने पर उसे तत्काल कब्जा मुक्त कराये जाने के प्रयास किये जाये तथा सम्बन्धित के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जाये।
ऐसे प्रकरणो में जिनमें भू माफिया द्वारा अवैध अतिक्रमण किया जाना प्रतीत हो रहा हो और तहसील स्तर पर कार्यवाही सम्भव हो तो ऐसे कब्जादारो को भू माफिया की सूची में दर्ज कर अग्रेतर कार्यवाही करते हुये उसकी सूचना का उल्लेख आख्या में किया जाय।
जिलाधिकारी ने कहा की प्रायः ऐसा अनुभव किया जा रहा है की नोडल अधिकारी द्वारा संदर्भ जनपद के किसी कार्यालय/विभाग को संदर्भित किये जाने पर उक्त कार्यालय द्वारा यह आख्या अंकित की जा रही है की उनके कार्यालय विभाग से सम्बन्धित नही है और इसी रिपोर्ट पर संदर्भ नोडल अधिकारी द्वारा निस्तारित कर दिये जा रहे हैं, जो नितांत आपत्तिजनक हैं। यदि कोई संदर्भ जनपद के किसी कार्यालय/विभाग से सम्बन्धित नही हैं तो उक्त कार्यालय द्वारा पोर्टल पर इंगिंत लाल रंग के क्रास बटन को क्लिक कर यह टिप्पणी अंकित की जाय की उनके अनुसार संदर्भ किस कार्यालय/विभाग से सम्बन्धित हैं हरे रंग के बटन को क्लिक न किया जाय। उन्होने कहा की सरकार की योजनाओं का लाभ दिये जाने हेतु आवेदक के अपात्र पाये जाने पर उसके कारणो का स्पष्ट उल्लेख भी आख्या में प्रेषित की जाय। यदि संदर्भ एफ0आई0दर्ज कराने से सम्बन्धित है तो प्राप्त संदर्भ का परीक्षण कराकर एफ0आई0आर0 दर्ज करने का कोई औचित्य पाये जाने पर आवदेक को बुलाकर उसकी बात सुनकर ही एफ0आई0आर0 दर्ज की जाय। ‘‘तहरीर थाने पर दिये जाने पर कार्यवाही की जायेगी’’ अंकित कर प्राप्त आख्या पर संदर्भ निस्तारित न किये जाये।
छात्रवृत्ति के प्रकरण में स्कूल कालेज सस्थानों द्वारा आनलाइन करने पर जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारी द्वारा प्रथम स्टेज में चेक पर पायी गयी कमियो को पूर्ण कराकर जिला समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाय और निर्णय के अनुसार ही कार्यवाही उपरान्त निस्तारित आख्या अपलोड की जाय।
आई0जी0आर0एस0 संदर्भो की गुणवत्ता परीक्षण के उपरान्त पुर्नजीवित प्रकरणो में यथावश्यकतानुसार वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आवेदक से वार्ता कर स्थलीय निरीक्षण करने के उपरान्त साक्ष्य सहित आख्या अपलोड की जाय खराब निस्तारण हेतु यदि सम्बन्धित का स्पष्टीकरण मांग किया गया है तो स्पष्टीकरण की प्रति भी आख्या के साथ संलग्न किया जाय।
किरायेदारी के प्रकरण में पुलिस राजस्व विभाग की संयुक्त टीम द्वारा दोनो पक्षो की बात सुनकर यथा सम्भव निस्तारण किया जाय। उन्होने कहा की कतिपय संदर्भो में अन्य संदर्भ की आख्या त्रुटिवश अपलोड हो जाती है जिससे संदर्भ पुनर्जीवित होने पर जनपद की रैकिंग खराब होती है। अतः आख्या अपलोड करते हुये समय विशेष सावधानी बरती जाय।
वर्तमान मार्कशीट में सम्बन्धित माह के अन्त में अवशेष डिफाल्टर संदर्भो की कुल संख्या के अनुसार ही अंक प्रदान किये जाते है उक्त व्यवस्था को संशोधित करते हुये अब सम्बन्धित माह में किसी भी तिथि में डिफाल्टर हुये संदर्भ को डिफाल्टर माना जायेगा एवं तद्नुसार मूल्यांकन मार्कशीट में गणना की जायेगी।
प्रकरण के निस्तारण हेतु जन सुनवाई पोर्टल पर अपलोड की जाने वाली निस्तारण आख्या में समस्त निस्तारणकर्ता अधिकारी अपना नाम एवं पदनाम का उल्लेख अवश्य करें। शिकायतकर्ता के पक्ष में स्वीकृति एवं अस्वीकृत करते हुये मांग एवं शिकायतकर्ता को दूरभाष अवगत कराने का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाय। संदर्भो की आख्या अपलोड करने में यदि कोई त्रुटि होती है अथवा कोई संदर्भ डिफाल्टर होता है तो सम्बन्धित अधिकारी उत्तरदायी होंगे तथा उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित करते हुये कहा की जन सुनवाई पोर्टल पर प्राप्त संदर्भो की निस्तारण नियति समयवाधि के सात दिवस पूर्व गुणवत्तापरक निस्तारण कर आख्या पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करायें।
प्रत्येक विभाग यह सुनिश्चित करे की उनसे सम्बन्धित आई0जी0आर0एस0 प्रकरणो में असंतोष फीडबैक का प्रतिशत न्यूनतम/शून्य हो ताकि सी0एम0 डैशबोर्ड पर जनपद की रैकिंग में शासन की मंशानुरूप सुधार हो सकें।

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