मीरजापुर – जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन अपने चुनार भ्रमण के दौरान तहसील सभागार में एस0एच0-150 हाइवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण एवं उसके मुआवजे के बारे में प्रभावित किसानों के साथ बैठक कर मुआवजा दिये जाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी, किसानों के बातों को सुनते हुये उनका समाधान किया। जिलाधिकारी ने बताया कि लालगंज-मड़िहान-अहरौरा को जोड़ने वाले 35 किलोमीटर लम्बाई वाले मार्ग के लिए 12 गावों के 1914 काश्तकारों का 11.0706 हे0भूमि अधिग्रहण किया जाना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भूमि के सर्किल रेट का चार गुना और शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट से दो गुना मुआवजा संबंधित भू-स्वामी को दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि मार्ग निर्माण के दौरान चुनार तहसील क्षेत्र खम्हवा जमती, रामपुर सक्तेशगढ, कोटिलवा, बलुआ बजाहुर, जंगलमहाल, पट्टीकला, मानिकपुर, रामपुर, शेखवा, बैरमपुर सहित कुल 12 गांव की आवश्यकतानुसार भूमि अधिग्रहित कर काश्तकार को उसका मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि किसी काश्तकार को कोई आपत्ति हो तो वह लिखित रूप से दे सकता है उसका निस्तारण किया जाएगा। इस दौरान अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग अमरकांत, अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ल, उप जिलाधिकारी चुनार राजेश कुमार वर्मा, उपजिलाधिकारी न्यायिक संजीव कुमार यादव, तहसीलदार गरिमा, के अलावा सम्बंधित काश्तकार उपस्थित रहे। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने तत्पश्चात तहसील का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उप जिला मजिस्ट््रेट न्यायाल, उप जिलामजिस्ट््रेट (न्यायिक) के अलावा तहसीलदार व नायाब तहसीलदार न्यायालयों में लम्बित वादों व निस्तारित वादों की वाद पत्राचली का निरीक्षण कर निस्तारण प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान धारा-116, धारा-24, धारा-24 सहित अन्य वादों के रजिस्टरों व निस्तारणोंपरान्त पत्रावली पर की गई आदेश का भी परीक्षण किया गया। उन्होंने पैमाइस, वरासत, फाट आदि लंबित मुकदमे के पत्रावलियों को देखा और उसके निस्तारण का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने धारा-116 व धारा-24 को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उप जिलाधिकाारी चुनार राजेश वर्मा को निर्देशित किया कि उपरोक्त दोनों वादों के निस्तारण के प्रत्येक दिन नायाब तहसीलदार व राजस्व निरीक्षक के साथ लेखपालों को लगाते हुये अलग-अलग टीम बनाकर मौके पर जाकर जाॅच करायें तथा मुकदामों का निस्तारण सुनिश्चित करायें। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में जाॅंच के दौरान लेखपाल के द्वारा गाटा के आस-पास की स्थिति यथा- यदि वहां चकरोड, अन्य सडक, नाली/नाली आदि है उसका भी उल्लेख अपनी आखया में करें, कहा कि धारा-34 में निस्तारण के बाद निर्धारित समयसीमा के अन्दर खतौनी में दर्ज करा दिया जाए। जिलाधिकारी द्वारा आपदा से संबंधित वितरण व लम्बित पत्राचलियों का निरीक्षण निर्देशित किया कि लम्बित मामलों का तत्काल आख्या प्राप्त करते हुये समयसीमा के अन्दर निस्तारण करायें अन्यथा सम्बंधित पर कार्यवाई भी हो सकती है। इस दौरान कृषक दुर्घटना पत्रावली, का भी निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही उन्होंने तहसील परिसर का निरीक्षण किया गया, तहसील के अन्य का रोड़ मरम्मत व साथ ही नाली बनवाने के उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया। तहसील में उपजिलाधिकारी कार्यालय, राजस्व निरीक्षक के बैठने के लिये प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।