मीरजापुर – राज्यपाल के राजकीय पालीटेक्निक परिसर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में पहंुचकर विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के विभिन्न श्रेणी के 400 लाभार्थियो को टूल वितरण कार्यक्रम में प्रतीकात्मक रूप से 05 लाभार्थियो को टूल वितरण प्रदान किया गया। आयोजित कार्यक्रम के तहत 125 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियो को आंगनबाड़ी किट, क्षय रोग उन्मूलन के तहत गोद लिये जाने वाले 151 क्षय रोगियो को पोषण की पोटली, लगभग 100 से अधिक स्वंय सहायक समूह में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं को अनुप्रिया पटेल फाउंडेशन की तरफ से साइकिल वितरण तथा हाईस्कूल व इण्टरमीडियट में जनपद में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओ को अनुप्रिया पटेल फाउंडेशन की तरफ से साइकिल वितरण, प्राथमिक विद्यालयो के 10 दिव्यांग बच्चों को लो विजन किट का वितरण तथा प्राथमिक विद्यालयो में एम0डी0एम0 के तहत छात्र-छात्राओ को खाना खाने के लिये जिलाधिकारी के प्रयास से सी0एस0आर0 फंड के माध्यम से थाली एवं गिलास/बर्तन का वितरण, उद्यान विभाग द्वारा किसानो के जीवन स्तर को ऊपर उठाने तथा उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिये जनपद में नया प्रयास कर 10 कृषको को खजूर की खेती करने के लिये खजूर का पौध का वितरण, जिला प्रोबेशन कार्यालय के द्वारा स्पांरशिप योजना के 10 बच्चो को रूपया चार हजार मासिक आर्थिक सहायता के प्रमाण पत्र वितरण, दिव्यांग जन एवं सशक्तिीकरण विभाग के लाभार्थियो को स्मार्ट केन/कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण का वितरण कार्यक्रम के तहत प्रत्येक योजनाओं के 05-05 लाभर्थियो को राज्यपाल के द्वारा प्रतीकात्मक रूप से वितरण कर उन्हे प्रोत्साहित किया गया।
उपस्थित जन समूह को सम्बोधित करते हुये राज्यपाल ने कहा कि आप सभी के बीच में आकर हमे अपार खुशी होती हैं। स्वतंत्रता आन्दोलन में जिसने अपना सर्वस जीवन बबार्द कर दिया ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी झूरी बिन्द की जी के भव्य व सुन्दर प्रतिमा को एक चैराहे पर अनावरण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होने कहा कि आजादी के आन्दोलन में ऐसे कई वीर शहीद हुये व कई जेल गये तथा जीवन भर जेल में ही रहें। उन्होने अण्डमान निकोबार के जेल में रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जिक्र करते हुये कहा कि वे इस जेल में अनेक कठिनाईयों का सामना करते हुये जीते रहे और जेल से ही आजादी आन्दोलन में हिस्सा लेते रहें। उन्होने कहा कि कोई एक समाज के द्वारा भारत की आजादी नही मिली बल्कि सभी समाज के लोगो ने हिस्सा लेकर देश को आजाद कराया है चाहे वे पहाड़ियों में रहे हो चाहे जंगल के क्षेत्र में रहे हो सभी क्षेत्रो के रहने वाले लोग एकजुट होकर भारत की आजादी के लिये कार्य करते थे इन्ही सब के प्रयासो से आज हम सब आजाद भारत में जी रहे हैं। उन्होने कहा कि हम सभी कर्तव्य बनता है आजादी तो हमे मिली लेकिन उनके जो सपने थे हमारे स्वतंत्रता वीरो का कि भारत विकास की तरफ बढ़े, सभ्य समाज की तरफ जाए देश शिक्षित हो। उन्होने कहा कि आज आजादी के 75वें वर्ष में ऐसे सभी शहीद वीरो को याद करने हम सभी जिम्मेदारी बनती है। उन्होने कहा कि उन सभी सपना देखा था कि भारत में राम राज्य होना चाहिये। इन्ही सब सपनो के साथ हमारे शहीद वीरो ने अपने परिवार की चिन्ता न करते हुये देश को आजाद कराने का कार्य किया। उन्होने कहा कि जब 25 वर्षो बाद के आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होंगी तो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भारत की 140 करोड़ आबादी भी चाहती है कि हमारा भारत देश विकसित देश हों। उन्होने कहा कि विकसित भारत बनाने के लिये प्रत्येक योजनाओं का लाभ देश के कोने में बैठे प्रत्येक लाभार्थियो को मिले अभी तक जिन्हे प्रत्येक योजना का लाभ नही मिल पाया है वह योजना उनके घर तक पहंुचे। उन्होने कहा कि अभी तक जहां पानी नही पहंुचा है, रेल नही पहंुची है ऐसे क्षेत्रो में कार्य करने की आवश्यकता हैं। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त समाज तभी होगा जब जिसके लिये बनती है एक-एक लाभार्थियों को योजना का लाभ उनके द्वारा तक पहंुचे और उसमें बिचैलियो की भागीदारी न हो तभी देश विकसित देश के मार्ग पर आगे बढ़ेगा। उन्होने कहा कि आज मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के तहत ऐसे-ऐसे बच्चों, लाभार्थियो को जनपद के कोने-कोने से लाकर उन्हे लाभान्वित किया जा रहा हैं। उन्होने बेटियो की शिक्षा पर बल देते हुये कहा कि प्रायः देखने में आता है कि लड़कियो को अधिंकाश सरकारी स्कूलो में तथा बेटो को प्राईवेट कांवेट स्कूलो मे भेजा जाता है किन्तु यही सरकारी स्कूल के बच्चे जब इण्टर कालेज व विश्वविद्यालय में पहंुचते है तो वहां पर सरकारी स्कूल बच्चों को जब गोल्ड मेडलिस्ट की श्रेणी में सम्मानित किया जाता है तो उनमेें से 80 प्रतिशत गोल्डमेडलिस्ट लड़किया ही होती हैं। राज्यपाल जब लड़कियां/महिलाए आत्मनिर्भर होगी, शिक्षित होगी, स्वस्थ्य होगी तभी भारत विकसित होगा। उन्होने आंगनबाड़ी केेन्द्रो को सशक्त बनाने पर बल देते हुये कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां आज बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के साथ ही अनेक क्षेत्रो में कार्य कर रही हैं। आंगनबाड़ी के बच्चों को स्वास्थ्य व शिक्षा के विकास के लिये प्रयास करने की आवश्यकता है क्योकि यही आंगनबाड़ी व प्राइमरी स्कूल के बच्चें आगे 25 वर्षो के बाद भारत को पूर्ण रूप से विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी से लेकर प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक व इण्टर तथा विश्वविद्यालय स्तर तक एक चैनल बनाने की आवश्यकता है विश्वविद्यालय के प्रोफेसरो/अध्यापको को कभी-कभी आंगनबाड़ी केन्द्रो में आकर पढ़ाना होगा तथा उन बच्चों को विश्वविद्यालय में ले जाकर भ्रमण कर शिक्षा के महत्व के बारे में बताने के दृष्टिगत कार्य करना होगा। उन्होने कक्षा एक, कक्षा 06 तथा कक्षा 10 तक के अध्यापको आह्वान करते हुये कहा कि 06 वर्ष आयु तक के सभी बच्चों को कक्षा एक में दाखिला होना चाहिये तथा कक्षा 05 तक इस पर विशेष ध्यान देना चाहिये कि कोई भी बच्चा बीच में ड्राप आउट होकर घर न बैठ जाये इसी प्रकार कक्षा-06 से कक्षा-10 तक अध्यापक यह ध्यान दे कि कोई भी ड्राप आउट न हो यह हम सबकी जिम्मेदारी हैं। उन्होने स्वयं सहायता समूह के गठन के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि महिलाओं के समूह गठन से उनमें शिक्षा के प्रति चेतना जाग्रत हुयी है सभी माताओं का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चियों को स्कूल अवश्य भेजे। उन्होने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है तथा अध्यापको की जिम्मेदारी है कि बच्चों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के साथ ही उनके खेल में तथा रहने की भी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिये। उन्होने कहा कि पहले यह पता नही चलता था कि आंगनबाड़ी केन्द्र कहा चल रहे है कौन चला रहा है परन्तु जब मैं स्वंय गुजरात महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री पद पर कार्यभार संभाली तो आंगनबाड़ी केन्द्रो सशक्त बनाने तथा उन्हे सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य किया और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में आंगनबाड़ी केन्द्रो को मजबूत बनाने का कार्य हमारे द्वारा प्रत्येक जनपद में भ्रमण के द्वारा किया जा रहा हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रो में तीन से छः वर्ष आयु के बच्चें वहां आते है खाना पीना भी वही होता है तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा अनेक कार्य किया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा हमारी किशोरियों को स्वस्थ्य बनाने, गर्भवती महिलाओं की देखभाल सहित अन्य कार्य कर रही है जिसकी वजह से कुपोषित बच्चों की संख्या में काफी कमी आयी है, जो कुपोषित बच्चें हो रहे है उनको आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के द्वारा देखभाल कर स्वस्थ्य करने का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होेने कहा कि सरकार को बड़े-बड़े विभागो के साथ आंगनबाड़ी केन्द्रो पर प्राथमिकता पर ध्यान देने तथा सुविधाए उपलब्ध कराने की आवश्यकता हैं। टी0वी0 मुक्त भारत बनाने तथा आंगनबाड़ी केन्द्रो को सशक्त बनाने की दिशा मेें बल देते हुये राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश टी0वी0 मुक्त बनाने के लिये हम लोगो अभियान चलाया और आज पूरे उत्तर प्रदेश में तीन लाख से अधिक टी0वी0 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। उन्होने कहा कि आगे भी यह कार्य चलता रहेगा। उन्होेने कहा कि यहां के लोगो का भी कर्तव्य बनता है कि प्रत्येक सक्षम व्यक्ति कम से कम एक-एक टी0वी0 मरीजो को गोद लेकर मीरजापुर को टी0वी0 मुक्त बनायें। और धीरे-धीरे करके कई एजेंसिया भी आगे आ रही है और टी0वी0 मुक्त भारत तथा शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। उन्होने कहा कि आज हमने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल होते हुये ब आंगनबाड़ी केन्द्रो में 30000 किट पहंुचाया गया है और सरकार की मद्द से नही विभिन्न लोगो के स्पांरशिप के माध्यम से किया गया हैं।

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