मीरजापुर – जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक की गयी। बैठक में सड़क दुघर्टनाओं एवं उसके कारणो से रोकने के उपाय के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि दुघर्टना बाहुल्य स्थानों को चिन्हित करते हुये नेशनल हाइवे से जोड़ने वाली अन्य सड़को पर नेशनल हाइवे से पहले स्पीड ब्रेकर लगायी जाय ताकि आने वाले वाहन की गति धीमी हो सकें। सड़क दुघर्टनाओं में सम्भावित ब्लैक स्पाट को चिन्हित करते वहां साइनिंज बोर्ड लगाया जाय। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रो में घुमावदार सड़को पर लगभग 100 मीटर पहले रिफ्लेटर लगाया जाय ताकि सामने से आने वाली गाड़ी मालूम हो सकें। स्कूलो में ट्रैफिक नियमो के जन जागरूकता हेतु जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुये गोष्ठियां आयोजित कर जागरूकता अभियान चलाया जाय। जनपद की सड़क दुघर्टनाओं की अद्यावधिक तुलनात्मक कार्यवाही की समीक्षा पुलिस अधिकारियों से किया जाय। तीन या तीन से अधिक दुघर्टना में मृत्यु वाली सड़क दुघर्टनाओं की जांच लोक निर्माण विभाग, ए0आर0टी0ओ0 तथा पुलिस विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से करते हुये आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें। आटो व ई रिक्शा के संचालन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने ट्रैफिक इंपेस्टक्टर एवं नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि सम्भागीय परिवहन अधिकारी के साथ तीनो लोग भ्रमण कर जहां पर वर्तमान में अधिक आटो/ई रिक्शा रोककर सवारियां ले रही हो उसके आस पास जमीन चिन्हित कर स्टैण्ड बनाकर रोकने की व्यवस्था सुनिश्चित करे तथा ई रिक्शा तथा समस्त आटो का रजिस्ट्रेशन कराते हुये उनका रूट चार्ट निर्धारित करे ताकि नगर में जाम की स्थिति न हों। बैठक में रोड सेफ्टी पाॅलिसी-4 ई में एजुकेशन जागरूकता, इमरजेंसी केयर सम्बन्धित बिन्दुओं पर चर्चा, रोड सेफ्टी इनफोर्समेंट, रोड इंजीनियरिंग आदि बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि समस्त आटो चालको का पंजीकरण कराते हुये उनका ड्रेस कोड निर्धारित किया जाय तथा यह सुनिश्चित किया जाय कि समस्त आटो/टेम्पो के सभी कागजात नियमानुसार सही हो। उन्होने कहा कि स्कूल वाहनो की गहन चेकिंग की जाय तथा सभी प्राइवेट स्कूलो के प्रबन्धको व प्राधानाचार्यो के साथ बैठक कर यह सुनिश्चित कराये कि अपने वाहन की फिटनेस सही रखे तथा क्षमता के अधिक बच्चों को न बैठाये। उन्होेने यह भी कहा कि प्रधानाचार्य के बच्चों के अभिभावको को यह बताये कि पंजीकृत स्कूल वाहन से ही स्कूल भेजे, अपंजीकृत अथवा प्राइवेट टेम्पो आदि से बच्चों को सुरक्षा के दृष्टिगत स्कूल न भेजे।