विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार और प्रशासनिक कदाचार के मामले का खुलासा होने के बाद वे हस्तक्षेप करने की कृपा करें और निजीकरण की सारी प्रक्रिया तत्काल रोकी जाए। संघर्ष समिति ने कहा कि निदेशक वित्त के पद पर निधि नारंग को तीसरी बार सेवा विस्तार देने के पीछे ग्रांट थॉर्टन से मिलीभगत और भ्रष्टाचार का सीधा मामला बनता है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। संघर्ष समिति ने बताया कि ग्रांट थॉर्टन के झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनल्टी लगाए जाने के कदाचरण के मामले में भ्रष्टाचार के विरोध में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया के भारत में कार्यकारी निदेशक रमानाथ झा ने 15 मई 2025 को प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर भ्रष्टाचार के इस गंभीर मामले को उठाया था। अत्यन्त खेद का विषय है कि कुछ निहित स्वार्थी लोगों ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के पत्र को भी दबा दिया। संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को ट्रांसपेरेसी इंटरनेशनल के पत्र की प्रतिलिपि संलग्न करते हुए भ्रष्टाचार के इस मामले पर तत्काल कार्यवाही की मांग की है। संघर्ष समिति ने कहा कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के पत्र में उठाए गए बिंदुओं पर कार्रवाई की जानी चाहिए या उठाए गए बिंदुओं का तर्क संगत उत्तर दिया जाना चाहिए अन्यथा सारे मामले में भ्रष्टाचार की आशंका बलवती होती जा रहीहै। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि निदेशक वित्त निधि नारंग को इस बात का अच्छी तरह से ज्ञान था कि ग्रांट थॉर्टन ने 12 सितंबर 2024 को पावर कारपोरेशन के डाटा कलेक्शन के टेंडर में भाग लिया है और ग्रांट थॉर्टन को टेक्निकल बीड के बाद एल 1 पाया गया है। यह सब जानकारी होते हुए भी निदेशक वित्त निधि नारंग, जो निजीकरण की इवेलुएशन कमेटी के अध्यक्ष भी है, ने ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की बीड में ग्रांट थॉर्टन द्वारा टेंडर डालने के बाद 12 सितंबर 2024 के टेंडर की बात को दबाए रखा। ध्यान रहे कि ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट की बीड में पहले हितों के टकराव का प्रावधान था। अब यह बात साफ हो गई है की ग्रांट थॉर्टन को फेवर करने के लिए निदेशक वित्त निधि नारंग ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के साथ मिलकर हितों के टकराव के प्रावधान को ड्रॉप करवाया। झूठा शपथ पत्र देने और अमेरिका में पेनल्टी लगने की बात सामने आने के बावजूद निधि नारंग ने तीसरी बार सेवा विस्तार मिलने की डील होने के बाद ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट दे दी। क्लीन चिट देने के बाद अब निधि नारंग ग्रांट थॉर्टन को सितम्बर 2024 वाला बड़ा टेंडर दिलाने में लग गए हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि शक्ति भवन में शीर्ष प्रबंधन के स्तर पर भ्रष्टाचार का यह सब खेल इसलिए चल रहा है क्योंकि ऐसी चर्चा है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण में कुछ चुनिंदा कारपोरेट घरानों के साथ बहुत बड़ी डील हो गई है। संघर्ष समिति ने कहा कि प्रारंभ से ही निजीकरण करने के लिए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष लगातार घाटे के झूठे आंकड़े दे रहे हैं। संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष के सामने पीपीटी प्रेजेंटेशन देकर इन आंकड़ों का प्रतिवाद किया था और पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष ने संघर्ष समिति द्वारा दिए गए आंकड़ों को स्वीकार करते हुए कहा था कि संघर्ष समिति के पीपीटी का अध्ययन कर आगे वार्ता की जाएगी । किंतु आज तक पुनः वार्ता नहीं की गई है। संघर्ष समिति ने कहा कि यदि पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष केवल धमकी और दमन की भाषा बोलते रहे और उन्होंने संघर्ष समिति के साथ आंकड़ों के आधार पर बात न किया तो संघर्ष समिति सही आंकड़े लेकर सभी सांसदों, विधायकों और जनता के दरबार में जाकर निजीकरण के पीछे चल रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने को बाध्य होगी।

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