सूर्योपासना और लोक-आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर नगर विकास विभाग द्वारा प्रदेश के घाटों को स्वच्छ, सुन्दर और सुविधायुक्त बनाकर श्रद्धालुओं को स्वच्छ वातावरण में पूजन करने का अनुभव कराया गया। स्वच्छता-सुंदरता के साथ घाटों को नो प्लास्टिक जोन के रूप में परिवर्तित करते हुए स्वच्छ छठ पूजा को जीरो वेस्ट इवेंट के रूप में मनाया गया। सुविधाओं के साथ ही स्वच्छता के प्रति जागरूक भी किया, यह यूं कहें कि संस्कृति को स्वच्छता के साथ संस्कार बनाने का प्रयास किया गया।
छठ पूजा पर्व पर नगर विकास विभाग और स्वच्छ भारत मिशन नगरीय ने स्वच्छता-सौंदर्यीकरण अभियान और स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0 के माध्यम से घाटों पर स्वच्छता और सुंदरता की अमिट छटा बिखेर दी। श्रद्धालुओं में अपार श्रद्धा और उत्साह इस बात का प्रतीक है कि स्वच्छ वातावरण में उन्हें लोक आस्था के प्रतीक छठ पूजा पर अविस्मरणीय अनुभव हुआ है। विभाग द्वारा घाटों के साथ ही उनके संपर्क मार्गो को निरंतर साफ रखते हुए उनका सौंदर्यीकरण कराया है। घाटों के मरम्मत करते हुए उन्हें फूलों, रंगोली, अर्पण कलश, वॉल पेंटिंग के साथ ही झालरों से सजाया गया। इतना ही नहीं संपर्क मार्गो पर भी प्रकाश व्यवस्था को बेहतर बनाया गया, जिससे श्रद्धालुओं को आवागमन में परेशानी नहीं हुई। घाटों पर श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त संख्या में मोबाइल टॉयलेट, चेंजिंग रूम, स्नान घर, स्वच्छ पेयजल आदि कि व्यवस्था कराते हुए नियमित सफाई के लिए बीट बनाकर सफाई मित्रों की तैनाती भी की गयी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जानकारी/जागरूकता सम्बंधित साइन बोर्ड व कूड़ेदान भी लगाए गए हैं। साथ ही घाटों में जलाशयों से जलकुंभी हटाते हुए जल को स्वच्छ और स्नान योग्य बनाया गया। घाटों पर कण्ट्रोल रूम और पीए सिस्टम भी लगाए, जिससे समय-समय पर श्रद्धालुओं को स्वच्छ के जागरूक करते हुए विभिन्न जानकारियां दी गयीं।
घाटों और जलाशयों को स्वच्छ रखने के लिए विभागीय अधिकारी, कर्मचारी, स्वयं सेवी संस्था, स्वच्छ वातावरण प्रोत्साहन समिति, स्वच्छ सारथी क्लब के साथ छठ पूजन आयोजन समितियों की सहायता से श्रद्धालुओं को जागरूक गया। घाटों को नो प्लास्टिक जोन बनाते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया। दुकानदारों को पॉलीथिन की जगह कागज़ और कपड़े के बने थैलों का प्रयोग और श्रद्धालुओं को भी कपड़े के थैलों को उपयोग में लाने के लिए जागरूक किया गया। छठ पूजा को जीरो वेस्ट इवेंट के रूप में मनाने के लिए जगह-जगह कूड़ेदान और अर्पण कलश रखे गए, जिससे सभी पूजन सामग्री का अर्पण उसी में किया जाये। उन्हें नियमित रूप से खाली करने के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई मित्रों की तैनाती और मशीनों को उपयोग में लाया गया। जिसके परिणाम स्वरूप श्रद्धालुओं को पूजन के लिए स्वच्छ वातावरण प्रदान किया जा सका। पूजा सामग्री जलाशयों में न जाने पाए इसके लिए घाटों में जालीनुमा अर्पण कलश भी बनाए गए। स्वच्छ, सुंदरता और सुविधाओं के साथ ही श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य का भी विशेष ध्यान दिया गया। जिसके लिए गहरे पानी में बच्चों और श्रद्धालुओं को जाने से रोकने के लिए पानी में भी बैरिकेटिंग कराई जाए। पूजा घाटों और मार्गों पर सुरक्षा का समुचित प्रबंध किया गया। व्यवस्था को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए लोगों का भी सहयोग भी लिया जाए। घाटों पर गोताखोर/कुशल तैराक, एसडीआरएफ और मार्गों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल का भी सहयोग लिया गया। छठ घाटों, पूजा स्थलों तथा मार्गों पर गंदगी न हो, इसके लिए चूने का छिड़काव तथा मच्छरों से बचने के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग भी करायी गयी। जिसकी नियमित मॉनिटरिंग ड्रोन और नगरीय निकाय निदेशालय में स्थापित डीसीसीसी (डेडिकेटेड कॉमण्ड एंड कण्ट्रोल सेंटर) में ऑनलाइन माध्यम से भी की गयी। वाहनों की पार्किंग की उचित व्यवस्था की गयी। घाटों में प्रवेश और निकास के लिए तथा श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए साइनेज लगाए गए। घाटों पर विशेष सुविधाओं के साथ ही सेल्फी पॉइंट्स भी बनाये गए, जहां श्रद्धालुओं ने जमकर सेल्फी खींची और रील्स भी बनाई, जिन्हें उनके द्वारा आपने सोशल मीडिया प्लेटफार्मस पर भी पोस्ट किया गया। छठ पूजन के दौरान वातावरण को और भक्तिमय बनाने के लिए संस्कृतिक कार्यक्रम, लोकगीत आदि का आयोजन नगरीय निकायों द्वारा किया गया, जिसके श्रद्धालुओं ने भी जमकर सरहा।

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