आम बजट 2022-23 में केंद्र सरकार न सिर्फ देश में उत्पादन सस्ता करने की रणनीति पर काम कर रही है बल्कि निर्यात को भी व्यापक पैमाने पर बढ़ावा देने की भी योजना तैयार हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार भारतीय उत्पादों की विदेश में मार्केटिंग के कैंपेन को लेकर काफी गंभीर है और इस पर बजट में बड़ा एलान कर सकती है।


मामले से जुड़े अधिकारी का कहना है कि निर्यात में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के मामले में भारत का कारोबार बढ़ाने के मकसद से यहां के उत्पादों की मार्केटिंग बढ़ाने पर बड़ा फोकस रहेगा। साथ ही इन कारोबारियों की कैश फ्लो कि दिक्कत को भी दूर करने के उपायों का एलान किया जाना है। जानकारी के मुताबिक जिस भी क्षेत्र के कारोबारी विदेश में अपने उत्पादों की अच्छी मार्केटिंग करेंगे, उन्हें उसी मुकाबले टैक्स राहत दिए जाने के इंतजाम किए जाएंगे। सिर्फ विदेशों में जाकर स्टॉल लगाने ही नहीं बल्कि डिजिटल प्रमोशन कैंपेन के जरिए भी किए गए खर्च के एवज में टैक्स राहत मिलनी संभव है।

इसके अलावा छोटे और मझोले निर्यातकों के लिए केंद्र सरकार बजट में डबल टैक्स डिडक्शन स्कीम लाने पर भी विचार कर रही है। इस स्कीम के तहत इंटरनेशनल मार्केटिंग के खर्चों पर दोगुनी टैक्स छूट संभव। वहीं विदेशी अप्रूवल, नए बाजार तलाशने और प्रमोशन के खर्च पर छूट दिए जाने की संभावना पर मंथन जारी है।

कैश फ्लो की दिक्कत दूर करने के उपाय संभव

बजट में सरकार निर्यातकों की कैश फ्लों की दिक्कत दूर करने से जुड़े उपाय कर सकती है। इसके लिए निर्यात क्रेडिट के लिए ई-वॉलेट स्कीम को लागू करने पर विचार चल रहा है। कारोबारियों को पिछले साल के एक्सपोर्ट रिकॉर्ड के आधार पर एडवांस क्रेडिट की सुविधा भी दी जा सकती है। ई-वॉलेट का इस्तेमाल इनपुट प्रोक्योरमेंट के वक्त टैक्स डेबिट के लिए किया जा सकेगा। इस सुविधा से निर्यात से पहले कारोबारी पर अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं पड़ेगा। हालांकि, इस वॉलेट से कैश निकालने या फिर रकम खर्च करने की सुविधा कारोबारी को नहीं मिलेगी।

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