शासन के निर्देश के अनुपालन में एवं जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन के मार्ग निर्देशन में पूरे जनपद में नव्म आयुर्वेदिक दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यक्रम पुलिस चिकित्सालय परिसर पुलिस लाईन मीरजापुर में आयोजित कार्यक्रम का मुख्य विकास विशाल कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। मुख्य विकास अधिकारी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद एक जीवन शैली है इसे हमे जीवन में अपनाकर सभी लोग अपने जीवन को निरागी बनाए। उन्होंने कहा कि स्वंय आयुर्वेद को अपनाने के साथ ही अपने आस पास के लोगो को आयुर्वेद को अपनाने के प्रति प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्वेद में मुख्य रूप से तीन प्रकार के शरीर होते हैं- वात, पित्त और कफ। दोषों को मानव शरीर और मन में पाई जाने वाली जैविक ऊर्जा के रूप में वर्णित किया गया है। वे शारीरिक और मानसिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं और प्रत्येक जीवित प्राणी को एक व्यक्तिगत खाका प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा निःशुल्क औषधिय पौधों का वितरण किया गया, तथा डा0 जितेन्द्र कुमार यादव, डा आशिष त्रिपाठी, डा0 अर्पणा कुमारी, डा0 सरवरे आलम द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जनमानस को निशुल्क आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधियों का वितरण किया गया तथा आयुर्वेद के प्रति जगरूक भी किया गया। जनपद मीरजापुर में ब्लाक स्तर पर भी निःशुल्क औषधिय पौधों का वितरण किया गया तथा निःशुल्क चिकित्सा कैम्पों का आयोजन आयुर्वेद विभाग द्वारा किया गया। निशुल्क चिकित्सा शिविर में लगभग 2500 रोगियों का उपचार किया गया। मुख्य कार्यक्रम में डा0 जित्तू राम क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी मीरजापुर, डा0 कौशल्या मरीना, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी मीरजापुर, डा0 विवेक सिंह, डा0 जितेन्द्र कुमार, डा0 सूर्य प्रकाश मिश्रा, डा0 पियूष त्रिपाठी, डा0 बृजेश कुमार शास्त्री आदि अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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