मीरजापुर – पुलिस महानिदेशक उ0प्र0 के निर्देश पर चलाये जा रहे अभियान “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन, वाराणसी “राम कुमार” के निर्देशन व पुलिस उपमहानिरीक्षक विन्ध्याचल परिक्षेत्र मीरजापुर “आर.पी.सिंह” के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक मीरजापुर “अभिनन्दन” द्वारा जनपद में महिला सम्बन्धित अपराध सहित लूट, हत्या, डकैती, धर्म परिवर्तन, गोवध अधिनियम व अन्य जघन्य अपराधों में प्राथमिकता के आधार पर लगातार गुणवत्तापूर्ण विवेचना तथा अभियोजन की सशक्त एवं प्रभावी पैरवी करायी जा रही है । उक्त अभियान के क्रम में थाना अदलहाट पर गैर इरादतन हत्या से सम्बन्धित अभियोग में पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी करते हुए गवाहों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर गवाही करायी गयी । जिसके परिणाम स्वरूप न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश मीरजापुर द्वारा 04 आरोपियों, प्रत्येक को 07-07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹ 13-13 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनायी गयी ।
घटना का संक्षिप्त विवरण-
दिनांकः19.08.2010 को राजाराम पुत्र सदकू निवासी देवलासी थाना अदलहाट जनपद मीरजापुर द्वारा थाना अदलहाट पर नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध जमीन के बावत रंजिश को लेकर वादी के घर पर लाठी, डण्डा व भाला के साथ आकर मारपीट करने तथा वादी के भाई परशुराम को गंभीर रुप से घायल कर देने, जिसकी इलाज हेतु बीएचयू वाराणसी ले जाते समय मृत्यु हो जाने के सम्बन्ध में तहरीर दी गयी । जिसके आधार पर थाना अदलहाट पर मु0अ0सं0-579/2010 धारा 323,325,304 भादवि पंजीकृत कर त्वरित कार्यवाही करते हुए नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायालय/जेल भेजा गया था।
पुलिस अधीक्षक मीरजापुर “अभिनन्दन” द्वारा “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत गैर इरादतन हत्या की उपरोक्त घटना को प्राथमिकता देते हुए थाना अदलहाट पुलिस एवं मॉनिटरिंग/पैरवी सेल को निर्देशित करते हुए गुणवत्तापूर्ण तथा सशक्त एवं प्रभावी पैरवी कराया गया । विशेष लोक अभियोजक-सच्चिदानन्द तिवारी, विवेचक एचसीपी रामजतन राम, पैरोकार-मुख्य आरक्षी राधेश्याम यादव व कोर्ट मोहर्रिर मुख्य आरक्षी राजनरायन यादव द्वारा प्रभावी पैरवी की गयी । जिसके फलस्वरूप न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश, कक्ष संख्या-01 मीरजापुर(बलजोर सिंह) द्वारा अभियुक्तगण 1.सीताराम पुत्र स्व0नन्हकू, 2.रमेश कुमार, 3.सुरेश कुमार पुत्रगण सीताराम, 4.श्रीराम पुत्र स्व0रामधन निवासीगण देवलासी थाना अदलहाट जनपद मीरजापुर, प्रत्येक को 07-07 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹ 13-13 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनायी गयी। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 06 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगताना होगा।