मीरजापुर 21 फरवरी 2024- आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजनान्तर्गत मण्डलायुक्त विन्ध्याचल मण्डल, डाॅ0 मुथुकुमार स्वामी बी0 की अध्यक्षता में आयुक्त सभागर, में कृषक उत्पादक संगठन (एफ0पी0ओ0) की कार्यक्षमता में वृद्धि हेतु मण्डल/जनपद स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण/कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में, अपर आयुक्त एवं संयुक्त विकास आयुक्त विन्ध्याचल मण्डल डाॅॅ विश्राम, मुख्य विकास अधिकारी मीरजापुर विशाल कुमार, सोनभद्र सौरभ गंगवार एवं भदोही यशवंत कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, विन्ध्याचल मण्डल, के साथ-साथ मण्डल के जनपद स्तरीय अधिकारी, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, सहायक निदेशक, मत्स्य, जिला उद्यान अधिकारी, क्षेत्रीय दुग्धशाला विकास अधिकारी, राष्ट्रीय बीज अनुसंधान, वाराणसी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी, वरिष्ठ वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र, बीएचयू, बरकछा व मण्डल के जनपदों से लगभग 100 एफपीओ के प्रतिनिधियों (सी0ई0ओ0) के साथ-साथ कृषि विभाग के लगभग 100 कर्मचारियों/अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
कार्यशाला/प्रशिक्षण में मण्डलायुक्त द्वारा वर्तमान परिप्रेक्ष्य में एफ0पी0ओ0 की महत्ता एवं कृषकों की आय में वृद्धि हेतु लघु एवं सीमान्त कृषकों एवं अन्य छोटे उत्पादकों को एक मंच पर लाकर व्यवसाय के रूप में स्थापित करने के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। तथा मण्डल के तीनों जनपदों मेें विशेषकर जनपद-सोनभद्र एवं मीरजापुर में कम वर्षा होने एवं भूगर्भ जल स्तर में कमी के दृष्टिगत कृषकों को कम पानी वाली फसलों के चयन हेतु सभागार में उपस्थित अधिकरियों एवं एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों को बताया गया तथा मृदा एवं जल संरक्षण को एक चुनौती के रूप में लेने की आवश्यकता है तथा सलाह दी गयी कि कृषकों में यह प्रचार-प्रसार किए जाने की आवश्यकता है कि वे मृदा परीक्षण कराकर प्राप्त परिणाम के आधार पर वैज्ञानिक विधि से संस्तुत मात्रा में उर्वरकों/रसायनों का प्रयोग करें। कृषकों को बाजार में मांग के अनुसार खेती करने की विधियों तथा मार्केटिंग, एक्सपोर्ट, बैंक ऋण, पूॅजी लगाने आदि के बारे में जानकारी प्रदान की जाए।
मुख्य विकास अधिकारी, मीरजापुर, सोनभद्र एवं भदोही द्वारा उपस्थित एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को बताया गया कि कृषकों को परम्परागत खेती के स्थान पर कम वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलेट्स (मोटा अनाज) की खेती को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है तथा मुख्य विकास अधिकारी, मीरजापुर द्वारा गौ-आधारित प्राकृतिक खेती तथा मिलेट्स (मोटा अनाज) की पैकेजिंग, ग्रेडिंग, मार्केटिंग आदि पर एक योजना बनाकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।